Government may remove STT in Budget 2025 bringing relief to stock market investors

शेयर बाजार के निवेशकों को राहत? BUDGET 2025 में खत्म हो सकता है STT!

Government may remove STT in Budget 2025 bringing relief to stock market investors

Government may remove STT in Budget 2025 bringing relief to stock market investors

STT REMOVAL DEMANDS RISE AHEAD OF BUDGET 2025: 1 फरवरी 2025 को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मोदी सरकार 3.0 का दूसरा बजट पेश करेंगी। इस बजट से हर वर्ग को बड़ी उम्मीदें हैं। खासकर शेयर बाजार के निवेशकों ने लंबे समय से शेयर बाजार लेनदेन पर लगने वाले सिक्योरिटीज ट्रांजेक्शन टैक्स (STT) को हटाने की मांग की है। पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (PHDCCI) ने भी बजट पूर्व बैठक में वित्त मंत्री से इस tax को खत्म करने का आग्रह किया है।  

क्या है STT?  

सिक्योरिटीज ट्रांजेक्शन टैक्स (एसटीटी) एक ऐसा कर है जो 2004 में भारत में लागू किया गया था। इसका उद्देश्य शेयर बाजार में लेनदेन को पारदर्शी बनाना और टैक्स कलेक्शन को सरल बनाना था। यह tax share खरीदने और बेचने दोनों पर लागू होता है।  

STT की मौजूदा दरें  

- डिलीवरी आधारित लेनदेन : 0.1%  

- इंट्राडे ट्रेडिंग (सिर्फ बिक्री पर) : 0.025%  

- फ्यूचर्स CONTRACT : 0.01%  

ऑप्शंस (सिर्फ बिकने पर) : 0.05%  

एसटीटी हटाने की मांग क्यों?  

- लेनदेन लागत में वृद्धि : एसटीटी के चलते छोटे निवेशकों को शेयर खरीदने और बेचने पर अतिरिक्त बोझ उठाना पड़ता है।  

- डबल टैक्सेशन का मुद्दा : एसटीटी चुकाने के बावजूद निवेशकों को कैपिटल गेन टैक्स भी देना होता है।  

- बाजार की लिक्विडिटी पर असर : उच्च लागत के कारण विदेशी और घरेलू निवेशक बाजार से दूरी बना सकते हैं।  

- अन्य देशों से तुलना : अमेरिका, सिंगापुर और हांगकांग में लेनदेन टैक्स या तो नहीं है या बेहद कम है।  

निवेशकों की क्या है मांग?  

निवेशकों और ब्रोकरेज कंपनियों ने सरकार से STT को पूरी तरह खत्म करने या इसकी दरों में कटौती करने की मांग की है। उनका मानना है कि इससे भारतीय शेयर बाजार को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनने में मदद मिलेगी।  

सरकार का रुख  

हालांकि सरकार ने इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है, लेकिन वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से उम्मीद है कि वह निवेशकों के हितों को ध्यान में रखते हुए एसटीटी में राहत देने पर विचार करेंगी।  

अगले बजट में इस मांग पर सरकार का क्या रुख होता है, यह देखना दिलचस्प होगा। निवेशकों को फिलहाल उम्मीद है कि STT में कटौती से भारतीय शेयर बाजार को नई मजबूती मिलेगी।